भारत के सबसे बड़े 10 अनसुलझे रहस्य | Biggest Mysteries of India in Hindi


Biggest Ten Mysteries of India, Hindi


भारत के 10 सबसे बड़े अनसुलझे रहस्य | Bhaat ke Ansuljhe Rehasya : भारत एक ऐसा विशाल और प्राचीन देश जो अपने आप में ना जाने कितनी घटनाओ को समते हुए है और जब यह देश इनता प्राचीन है तो इसकी कुछ कहानियाँ ऐसी भी है जो आज तक पहेल बनी हुई है और कुछ घटनाएं ऐसी भी है जिनका विज्ञानं के पास कोई जवाब नहीं | ज्ञानपंती टीम ने ऐसी ही कुछ रहस्यमयी घटनाओं और परिस्थितियों के बारे में कुछ जानकारी जुटाई है जिसका जवाब विज्ञान के पास आज तक नहीं है | आइये जानते है ऐसी ही कुछ रहस्यों के बारे में |
भारत के 10 सबसे बड़े अनसुलझे रहस्य 
1. द कोंग्का ला दर्रा
स्थान : लद्दाख
दुनियाँ के सबसे रहस्यमयी इलाको में से एक है लद्दाख का द कोंग्का ला दर्रा जिसके बारे में कहाँ जाता है की यहाँ अन्तरिक्ष जीवो का गुप्त स्थल है और इसी कारण यहाँ पर युएफओ का दिखाई देना आम बात है और स्थानियें नागरिक भी इन बातो की पुष्टि करते है और तो और साल 2006 के जून में गूगल के सैटेलाईट ने भी इस जगह की कुछ ऐसी तस्वीरे ली थी जिनमे रहस्यमयी यूएफओ दिखाई देने का जिक्र है | लेकिन इस जगह जाना सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह बहुत ही बर्फीला और दुर्गम क्षेत्र है और सबसे बड़ी बात यह की यह जगह भारत-चीन की विवादित जगह भी है, जहाँ पर दोनों नजर तो रखते है लेकिन कोई पेट्रोलिंग नहीं करता |
2. क्या ताजमहल, तेजोमहालय है ?
यह आधुनिक इतिहासकारों के बीच का सबसे ज्यादा चर्चा की विषय है और सबसे बड़े एतिहासिक रहस्यों में से भी एक बन चूका है की क्या वास्तव में ताजमहल ही तेजोमहालय है ? अगर दिल्ली के प्रोफेसर और इतिहासकार पी.एन. ओक की लिखी पुस्तक पर यकीन माने तो यह महान इमारत जयपुर के राजा के अधीन थी और जब शाहजहाँ ने इसे जबरन अपने अधीन किया तो इसमें कुछ बदलाव कर इसे एक मकबरे की शक्ल दे दी गयी और आजाद भारत के इतिहासकारों ने बिना कुछ सोचे समझे इसे ज्यो का त्यों इतिहास में शामिल कर लिया | इसके अलावा कुछ और इतिहासकारों ने कुछ और भी साक्ष्य पेश किये है की तब के किसी भी लेख में ताजमहल के बनने का उल्लेख क्यों नहीं है और ताजमहल की कार्बन डेटिंग भी कुछ और ही कहानी बयाँ करती है है | बहरहाल जब तक सरकार खुद आगे आ कर इस रहस्य पर से पर्दा नहीं हटाती तब तक यह एक रहस्य ही रहेगा |
3. प्रहलाद जानी 
प्रहलाद जॉनी को दुनियाँ का सबसे ज्यादा रहस्यमयी इंसान और दुनियाँ का आँठवा अजूबा माना जाता है, और इन्हें कुछ लोग सुपरह्यूमन भी कहते है | कहाँ जाता है की प्रहलाद जॉनी ने 70 सालो से कुछ भी नहीं खाया है और और उनके इसी दावे की सत्यता को परखने के लिए उनपर चौबीसों घंटे की 15 दिनों की निगरानी भी रखी गयी थी लेकिन अंत में हर कोई आश्चर्यचकित था की इन्होने इस दौरान अन्न का एक दाना भी नहीं खाया था और इनके किसी भी प्रकार की बिमारी और कमजोरी के कोई लक्षण भी नहीं थे | प्रहलाद जॉनी इस बात का श्रेय अपनी आराध्य माँ भगवती जगदम्बा को देते है जिनके आशीर्वाद के कारण ही इनको ऐसी अवस्था प्राप्त हुई |
4. सम्राट अशोक के रहस्यमयी 9 लोगो की संस्था
सम्राट अशोक के रहस्यमयी 9 लोगो का दल भी भारत के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है, जिनके बारे में कहाँ जाता है की कलिंग की लड़ाई के बाद सम्राट अशोक ने तब के सबसे और बुद्धिमान लोगो को लेकर एक संस्था का निर्माण किया था जिनके पास ज्ञान का अदभुत खजाना था और यह 9 लोग अपनी अपनी 9 विद्याओं में परांगत थे और इस संस्था का वास्तविक उद्देश्य इस ज्ञान को गलत हाथो में जाने से रोकना था और तभी से यह लोग इन विद्याओं की रक्षा करते आ रहे है जिनकी संख्या हमेशा से ही 9 रही है | ऐसा कहाँ जाता है की इन लोगो के पास टाइम ट्रेवल, एंटी ग्रेविटी, जैविक हथियार, किसी भी वास्तु को किसी अन्य वास्तु में बदलने की क्षमता जैसी बहुमूल्य पुस्तके थी जिनकी रक्षा आज तक इन्ही लोगो के द्वारा होती आ रही है |
5. येती 
येती हिमालय के सबसे रहस्यमयी प्राणियों में से एक है जिसे कुछ लोगो ने देखा तो है लेकिन पक्के टूर पर इसके बारे में आजतक कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन हिमालय में रहने वाले कुछ लोग इन पर वैसे ही विश्वास करते है जैसे आप और हम किसी भी ज्ञात प्राणी पर करते है | लद्दाख के कुछ बौद्ध मठो में इससे जुडी कई ऐसी एहम जानकारियाँ है जिनपर सहसा विश्वास नहीं होता लेकिन आज तक इसे देखे जाने की खबरे आती रहती है |
6. कुलधरा 
कुलधारा भुतिया वीरान गाँव के रूप में कुख्यात है जो सन 1800 से ही वीरान पडा है | इसके पीछे एक श्राप बताया जाता है जो कभी भी ख़त्म नहीं होगा | कहा जाता है की यहाँ पर रहने वाले लोग एक ही रात में गायब हो गये थे जिसके बाद यह कभी नहीं बसा |
यह गाँव जो अब खंडहरों में तब्दील हो चूका है, 1291 में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था, जो बहुत ही समृद्ध जाती थी और अपने व्यापार और खेती के लिए प्रसिद्ध भी | कहा जाता है की 1825 की एक रात में कुलधारा के सभी लोग और 83 के करीब गाँव अचानक ही बिना किसी कारण अचानक ही गायब हो गये और तब से ही यह एक रहस्य बना हुआ है जिसे आज तक नहीं सुलझाया गया |
7. चुम्बकीय पहाड़ी
इस लिस्ट पुनः हिमालय क्षेत्र का एक और रहस्य है जो एक ऐसा रहस्य है जिसका हर कोई अनुभव कर सकता है और यह है हिमालय के लद्दाख में स्थित ‘चुम्बकीय पहाड़ी’ | कहते है की इस क्षेत्र का चुम्बकीय प्रभाव इतना ज्यादा है की अगर आप न्यूट्रल में गाडी कड़ी कर दे तो यह अपने आप तेजी से खिसकने लगती है और इसके बारे में स्थानीय लोग भी अनजान नहीं है वह भी इसके बारे में काफी कुछ बताते है और कई वैज्ञानिक दल भी यहाँ पर कई रिसर्च कर चुके है |
8. जोधपुर का रहस्यमयी धमाका
18 दिसम्बर 2012 में जोधपुर में एक ऐसी घटना हुई जिसे आज तक नहीं सुलझाया गया है और जिसे लेकर पूरी दुनियाँ के वैज्ञानिक भी हैरान है | स्थानीय लोग बताते है की 18 दिसम्बर को अचानक ही उन्होंने एक बहुत ही बड़े और भयानक विस्फोट की आवाज सुनी जिसे सुनकर ऐसा लगा की मानो कोई बड़ा प्लेन हवा में फट गया हो, इस विस्फोट को सुनकर वह दहल गए लेकिन बाद में पता लगा की कोई विमान दुर्घटना नहीं हुई है और न ही कोई विस्फोट हुआ और किसी भी प्रकार के कोई नुक्सान की खबर नहीं थी |
9. अशोक की लाट
दिल्ली में कुतुबमीनार के पास ही सेकड़ो साल से “अशोक की लाट” शान से खड़ी है और आज तक इस पर जंग भी नहीं लगा | कई देशो के वैज्ञानिको ने इस पर अनेक बार अध्यन कर चुके है लेकिन आज तक कोई इसका रहस्य नहीं जान पाया और वह इस बात पर हैरान है की आखिर हजारो साल पहले क्या भारत में वास्तव में इतनी उन्नत तकनीक थी जो ऐसी धातु बना सकते थे और जिस तरह इस लाट को प्रदर्शन हेतु स्थापित किया गया है उससे तो पता लगता है की वास्तव में प्राचीन भारतीय आधुनिक विज्ञान से भी कही ज्यादा आगे थे और इस लाट के कारण ‘9 लोगो की संस्था’ सिद्धांत को भी बल मिला | अगर आप इस देश के कुंठित बुद्धिजीवियों से इसके बारे में पूछोगे तो वो बगले झाकने लगेंगे |
10. विमान
भारत के कई प्राचीन ग्रंथो में विमानों का उल्लेख है और इन ग्रंथो में इनके बारे में विस्तार से बताया गया है, ऐसे में अटकले उठती है की क्या भारतियों के पास पहले से ही विमानों का ज्ञान था जो समय की धुल में कहीं लुप्त हो गया | सैकड़ों साल पहले लिखे गए ऋषि भरद्वाज के ग्रंथो में विमानों के बारे में विस्तार से वर्णन है और पश्चिम जगत में भी इस ग्रन्थ के ऊपर गहन शोध चल रहे है लेकिन एक रहस्य और भी है की क्या राईट बंधुओ से पहले किसी भारतीय ने विमान बनाने में सफलता हासिल कर ली थी | अगर एतिहासिक तथ्यों पर विश्वास करे तो पहला विमान बनाने से आठ साल पहले ही महाराष्ट्र के शिवकर बापूजी तलपडे ने विमान बना लिया था जिसका इन्होने जनसमुदाय के सामने प्रदर्शन भी किया था लेकिन धन के अभाव के चलते वह इसमें ज्यादा सफल न हो सके और उनके इस महान आविष्कार को भी आधुनिक विकृत बुद्धिजीवियों ने भी समुचित स्थान नहीं दिया |

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